Sr. No
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Course Code
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Course Title
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Outcomes
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1
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SKT-1001
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पंचतंत्र और व्याकरण
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· पंचतंत्र को पढ़कर विद्यार्थी व्यवहारिक वस्तुओं के बारे में जान पाएंगे |
· पंचतंत्र की कहानिया विद्यार्थियों को नीति - निपुण और व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त कर उसे अपने जीवन में प्रयोग कर सकेगें |
· व्याकरण पढ़कर विद्यार्थी संज्ञा शब्द और सर्वनाम शब्दों का ज्ञान प्राप्त करेगें |
· विद्यार्थी अनुवाद करने में सक्षम होगें |
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2
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SKT 1003
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चाणक्य-नीति और व्याकरण
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· विद्यार्थी चाणक्य नीति पढ़कर राजनैतिक ज्ञान और नेतृत्व ज्ञान प्राप्त कर उसे अपने जीवन में समावेशित कर सकते है |
· विद्यार्थी सन्धियों का ज्ञान प्राप्त करके सन्धि करने और सन्धि विच्छेद करने में सक्षम होगें |
· कारक प्रकरण पढ़कर कारको का ज्ञान प्राप्त करके यह जान सकेगें कि वाक्य किस प्रकार बनते है और हिंदी से संस्कृत में अनुवाद करने में सक्षम होगें |
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3
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SKT 0111/01/02/03
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शिक्षा साहित्य तथा व्याकरण
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· विद्यार्थी पाणिनीय शिक्षा को पढ़कर उच्चारण -स्थान , प्रयत्न , स्वर काल, सन्धि के विषय में ज्ञान अर्जित करेगें |
· विद्यार्थी इसे पढ़कर भाषा की अच्छी तरह समझ पायेगें क्योंकि किसी भाषा को जानने के लिए व्याकरण का ज्ञान होना जरुरी है |
· पंचत्रंत की कहानिया पढ़कर विद्यार्थी उसकी शिक्षा को अपने व्यवहारिक जीवन में प्रयुक्त कर सकेगें क्योंकि पंचत्रंत की को नीति-निपुण बनाने के लिए हुई है |
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4
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SKT 0151/01/02/03
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भाषा परिचय
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· भाषा परिचय को पढ़कर विद्यार्थी ध्वनि के पक्ष, ध्वनि के भेद का ज्ञान प्राप्त कर इनका प्रयोग करने में सक्षम होना जायेगें |
· भाषा की व्यवहारिक कोटियां जैसे-लिंग, वचन,पुरुष,कारक,क्रिया काल और वाच्य का ज्ञान अर्जित कर भाषा - प्रयोग करने में सक्षम होगें |
· भाषा परिवर्तन के कारणों को ज्ञान पायेंगें की किस प्रकार एक भाषा परिवर्तित होकर विकास को प्राप्त करती है |
· विद्यार्थी भाषा और वाक् में अंतर स्पष्ट कर सकेगें |
· वाक् के विभिन्न रूपों का ज्ञान अर्जित करेगें |
· वैदिक संस्कृत की अक्षुष्णता के कारणों को जान पायेगें |
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5
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SKT 0111/01/02/03
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शिक्षा श्रीमदभगवद गीता और व्याकरण
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· पाणिनीय शिक्षा को पढ़कर विद्यार्थी स्वर,वर्ण,काल,उच्चारण स्थानों और प्रयत्नों से अवगत होगें |
· व्याकरण पढ़कर विद्यार्थी शब्द रूप,धातुरुप गणना का ज्ञान प्राप्त करगें |
· सूक्तियों के अर्थ को समझते हुए दैनिक जीवन में उनका प्रयोग करेंगे | गीता के रहस्यों को जानने में सक्षम होगें
· विद्यार्थी आत्मा,कर्म और ब्रहमसविती का ज्ञान प्राप्त करेगें | विद्यार्थी गीता पढ़कर निष्काम कर्म और सकाम कर्म का ज्ञान अर्जित करेंगे |
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6
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SKT 0105
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भारतीय संस्कृति
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· भारतीय संस्कृति को पढ़कर अपने संस्कारो,कर्म,अहिंसा,परोपकार,वर्णाश्रम व्यवस्था,पुरुषार्थ-चतुशीय,धर्म,गुरुशिक्षा परम्परा के विषय में ज्ञान प्राप्त करेगें |
· विद्यार्थी संस्कारो को अपने व्यवहारिक जीवन में प्रयोग करने में सक्षम होंगे|
· वे प्राचीन शिष्य परम्परा को पढ़कर इस बात से अवगत हो सकेगें की प्राचीन समय में शिक्षा किस प्रकार प्राप्त की जाती थी |
· भारतीय पढ़कर विद्यार्थियों में राष्ट्रीय एकता की भावना जागृत होगी | भारतीय संस्कृति विश्व शांति का उपदेश देती है |
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7
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SKT 111
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उपनिषद एवम गीता
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· Students will learn how to unlock the secrets of this powerful scripture.
· Students will know how to recognise the interbattle of life and make the effort that will with it.
· Students will know how the law of karma works including the effects of vasanas and sanskaras.
· How to overcome desire, anger and attachment.
· How to deepen your relationship with God.
· It relates them Hindu Dharm and God Prayers.
· Upnishad can provide knowledge of sarishti, Karma, Ishwar, Bramha and Aatma.
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8
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SKT202
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नीती साहित्य
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· विद्यार्थी नीतिशकतम को पढ़कर आचरण,व्यवहार और औचित्य में निपुण हो जायेगें |
· पंचतंत्र की कहानिया पढ़कर विद्यार्थियों के मनोरंजन के साथ-2 अच्छी शिक्षा प्राप्त ककर उसे जीवन में प्रयोग लाने में सक्षम होगें |
· महाकाव्यों के बारे में पढ़कर उससे सम्बन्धित कवियों के जीवन-वृत्त,कृतित्व और उनके ग्रंथो के ज्ञान से अवगत होगें |
· गद्यकाव्य के विषय में पढ़कर गद्यकारों और गद्य रचनो का ज्ञान प्राप्त करेगें |
· नाटकों को पढ़कर और उनके नाटकारो के बारे में ज्ञान प्राप्त करेगें | नाटक मनोरंजन के साथ-2 रास निष्पत्ति,भाषाशैली,शिक्षा आदि ज्ञान प्राप्त करेगें
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9
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DSC-101
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संस्कृत गद्य
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इस विषय का अध्ययन विद्यार्थी को अग्रिम पाठ्यक्रम व साहित्य को पढ़ने के लिए आधार भूमि प्रदान करेगा जिससे विद्यार्थी :-
· कवियों और उनके काव्यों से परिचित होगें तथा राजाओं एवम उनकी राज्य की नीतियों के बारे में ज्ञान प्राप्त करेंगे |
· नीतिशतकम को पढ़कर बच्चे नीतियों से परिचित होगें तथा रचनाकारों के बारे में तथा उनकी कृतियों के बारे में ज्ञान अर्जित करेगें |
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10
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AECC-111
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उपनिषद एवम गीता
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11
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DSC-201
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संस्कृत गद्य साहित्य
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· शुकनासोपदेश को पढ़कर उस समय के समाज,राजनैतिक विचार तथा सूक्तियों के अर्थ एवं उपयोगिता से परिचित होगें |
· शिवराजविजयम को पढ़कर गद्य सौष्ठव,कथा वास्तु,घटनाक्रम का समय निर्धारण का ज्ञान प्राप्त करेगें |
· गद्यकाव्य के उदभव एवं विकास को पढ़कर गद्यकारो के विषय में और उनकी कथाओं का ज्ञान अर्जित करेगें |
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12
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DSC-202
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नीती साहित्य (MIL)
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13
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AECC-211
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व्याकरण और अनुवाद
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· स्वर सन्धि और व्यंजन सन्धि को पढ़कर सन्धि को पढ़कर सन्धि एवं संधिविच्छेद करने में सक्षम होगें |
· समास एवं विभक्ति प्रकरण पढ़कर समास विग्रह तथा वाक्य रचना का ज्ञान प्राप्त करेगें |
· लघु निबन्ध लिखने में सक्षम होगें |
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14
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DSC-301
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संस्कृत नाटक
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· नाटकों के उदभव एवं विकास तथा संस्कृत नाट्यशास्त्रीय पारिभाषिक शब्दावली से परिचय होगें |
· नाटकों को पढ़कर नाटकों की कथावस्तु,काव्यसौष्टव तथा घटनाक्रम का समय समय निर्धारण एवं प्रकृति का मानवीकरण का ज्ञान प्राप्त करेगें |
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15
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AECC-302
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आयुर्वेद के मूल सिद्धान्त
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· आयुर्वेद का परिचय,औषधि विज्ञान का चरक पूर्वकालीन इतिहास का ज्ञान प्राप्त करेगें |
· चरकसहिंता को पढ़कर षडरितियों के काल-विभाग तथा शरीर एवं प्रकृति को अवस्था से परिचित होगें |
· तैत्तिरीयोपनिषद की भृगुवल्ली से परिचित होगें |
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16
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DSC-401
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संस्कृत व्याकरण
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· संज्ञा प्रकरण का ज्ञान प्राप्त करेगें |
· स्वरसन्धि,व्यंजन संधि तथा विसर्ग संधि को पढ़कर संधि एवं संधि विच्छेद करने में सक्षम होगें |
· विभक्ति प्रकरण को पढ़कर वाक्य रचना करना सीखेंगे |
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DSC-402 (MIL)
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व्याकरण एवम संयोजन
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· स्वरसन्धि,व्यंजन सन्धि विसर्ग सन्धि को पढ़कर सन्धि तथा सन्धिविच्छेद करने में सक्षम होगें |
· समास एवं कृत्य प्रयत्यो का ज्ञान प्राप्त करेगें |
· गद्य लेखन तथा अनुवाद करने का ज्ञान प्राप्त करेगें |
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18
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AECC-403
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पांतजल योगसूत्र
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· पांतजल योगसूत्र को पढ़कर समाधि का ज्ञान प्राप्त करेगें |
· साधन पाद तथा विभूतिपाद से परिचित होगें |
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AECC-501
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भारतीय रंगशाला
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· भारतीय रंगशाला का इतिहास एवं परम्परा तथा इसके निर्माण एवं प्रकारो को पढ़कर इनसे परिचित होगें |
· अभिनय,वास्तु,नेता तथा रास के बारे में ज्ञान प्राप्त करेगें |
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DSE-502
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व्यक्तित्व विकास का द्रिष्टिकोण
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· ऐतिहासिक द्रिष्टिकोण के बारे में हमारे वेदो तथा उपनिषदों में क्या कहा गया है इससे परिचित होगें |
· व्यक्ति की अवधारणा तथा व्यक्तित्व के प्रकारो का ज्ञान प्राप्त करेगें |
· व्यवहार सुधार के मापदण्डो के बारे में जान सकेंगे |
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GE-503
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संस्कृत छंद एवम गायन
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· छंद शास्त्र का ज्ञान प्राप्त क्र चाँदो के प्रकार और तत्त्व को जान्ने में सक्षम होगें |
· वैदिक छंदो का विश्लेषण और गान पद्धति का ज्ञान प्राप्त करेगें |
· शास्त्रीय छंदो का विश्लेषण तथा गान पद्धति का ज्ञान अर्जित करेगें |
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AECC-601
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कंप्यूटर अवेयरनेस फॉर संस्कृत
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· इससे विद्यार्थी कंप्यूटर के बारे में जागृत होगें |
· उन्हें कंप्यूटर की प्राथमिक जानकारी प्राप्त होगीं |
· वे इससे कंप्यूटर के विभिन्न कार्यक्रमों के होगें |
· वे संस्कृत भाषा के अनुसार कंप्यूटर का उपयोग करना सीखेंगे |
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DSE-602
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साहित्यिक समालोचन
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· काव्य प्रकाश को पढ़कर काव्य वैष्विष्ट्य,काव्य प्रयोजन,काव्यहेतु,का ज्ञान प्राप्त करेंगें |
· शब्द शक्तियों का ज्ञान अर्जित करेगें |
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GE-603
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भाषा विज्ञान के मूलभूत सिद्धान्त
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· भाषा विज्ञान और भाषाओं के वर्गीकरण का ज्ञान प्राप्त करेगें |
· ध्वनिविज्ञान,स्वरविज्ञान,रूपविज्ञान और अर्थ विज्ञान को जान पायेगें |
· वाक्य रचना के विषय में पढ़कर वाक्य रचना करने में सक्षम होगें |
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